आम दिनों की तरह उस दिन भी करीब २६२७८ आई ए एस, आई पी एस, आई सी एस, आई एफ़ एस, पी सी एस, टी सी एस, एम एन एस वगैरह के तबादले करने और अपनी ६४८२३६ और कांशीराम की २ मूर्तियों की स्थापना के आदेश देने के बाद बहनजी को लगा कि एस पी, कांग्रेस, बी जे पी, आर जे डी, बी जे डी, आई एन एल डी, यू पी ए, एन डी ए, आई आर ए और देश विदेश की २३४७४७ पार्टियों की दिन रात की साजिशों से बचने और उनको मुंह तोड़ जवाब देने में उनको एक जीवन साथी की ज़रूरत है।
बहन जी ने आधुनिक भारत की एक अन्य वीरांगना (एक तो वो ख़ुद हैं ही) राखी सावंत से प्रेरणा लेते हुए, अपना स्वयंवर आयोजित करने की घोषणा कर दी।
बी एस पी ने इस दिन को 'शादी करो दिवस' के रूप में मनाने के निर्णय किया तो विपक्ष ने इसे 'सरकार को तलाक़ दो दिवस' के रूप में मनाया। तलाक़ के केस लड़ने वाले वकीलों ने विपक्ष की सराहना की तो विवाह के कारोबार से जुड़े उद्यमियों ने मायावती के शादी करने के निर्णय को देश की युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श की संज्ञा दी। लेकिन उनका उत्साह तब ठंडा पड़ गया जब मायावती ने उनसे ज़्यादा बकवास न करने और तुंरत ४० करोड़ रुपये के चेक भेज देने के लिए कहा।
राज्य के बी एस पी सांसदों और विधायकों को अपने अपने क्षेत्रों से नकद राशि जमा करने के आदेश दिए गए विपक्ष ने शोर मचाया कि सरकार जनता से ज़बरन वसूली कर रही है, लेकिन सतीश चंद्र मिश्रा ने मीडिया को समझाया कि जनता अपनी प्रिय मुख्यमंत्री को शगुन देना चाहती है और सरकार ऐसा करने में उनकी मदद कर रही है। उन्होंने ये भी कहा सभी नकद 'उपहार' आयकर से मुक्त होंगे, लेकिन उनके इस प्रस्ताव को आयकर विभाग ने खारिज कर दिया। इस पर टिप्पणी करते हुए मायावती ने कहा कि ये एक और प्रमाण है कि कांग्रेस उनकी हत्या करना चाहती है, दलितों का अपमान कर रही है और उत्तर प्रदेश के विकास में रोड़े अटका रही है.
आंबेडकर पार्क को सर्वसम्मति से स्वयंवर स्थल के लिए चुन लिया गया लेकिन क्यूंकि वहाँ कोई निवास स्थान नहीं है, इसलिए पी डब्लू डी को नजदीकी हॉस्टल को तोड़ कर होटल बनाने का आदेश दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका का जवाब देते हुए सरकार ने सफाई दी कि यह सरकारी खजाने का दुरुपयोग नहीं है बल्कि स्वयंवर के प्रचार और प्रसारण से जो धन एकत्रित होगा उससे मायावती की और बहुत सारी मूर्तियाँ लगाई जाएंगी जो राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देंगी। राज्य सरकार की तरफ़ से एक फ्रांसीसी मूर्तिकार ने बयान दिया कि मायावती की मूर्तियाँ बेहद लोकप्रिय हो रही हैं और बहुत ही जल्दी मोनालिसा को भी पीछे छोड़ देंगी।
सारी तैयारियों के बावजूद निर्धारित दिन स्वयंवर स्थल पर एक भी दूल्हे के नहीं पहुँचने से जहाँ चैनल, सरकार और मायावती की काफ़ी फजीहत हुई, वहीँ विपक्ष और मीडिया को सरकार की खिचाई करने का काफ़ी मसाला मिल गया।
इस पर टिप्पणी करते हुए मायावती ने कहा कि ये इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस उनकी हत्या करना चाहती है, दलितों का अपमान कर रही है और उत्तर प्रदेश के विकास में रोड़े अटका रही है। सरकार ने मामले की जांच के लिए सी बी आई को आदेश दे दिए हैं। वैसे जानकारों की मानें तो असल वजह थी स्वयंवर के नियम जिनके मुताबिक जिसे भी मायावती नापसंद करेंगी उसके विरुद्ध दलित उत्पीड़न एक्ट के अर्न्तगत गैर-ज़मानती वारंट जारी कर दिए जाएंगे और उसके घर को आग लगा दी जाएगी।
( यह पोस्ट अंग्रेज़ी में पढ़ें यहाँ )
1 टिप्पणी:
परम्परा नहीं है स्वयंवर की। हिडिम्बा ने तो प्रेम विवाह किया था भीम से।
स्वयंवर तो पांचाली का था।
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