बुधवार, 21 सितंबर 2011

अथ श्री NEW महा भारत कथा

'माधव', 'केशव', 'वासुदेव' वगैरह के बाद जब अर्जुन ने 'यादव कुल गौरव' कह कर संबोधित किया तो कृष्ण झल्ला गए. "यार ये बाकी सब ठीक है पर 'यादव कुल गौरव' सुन के ऐसा लगता है जैसे यू.पी. का कोई समाजवादी  सभासद अखिलेश यादव को मस्का लगा रहा है."

अर्जुन का लटका मुंह और भी लटक गया. वैसे भी जबसे तीरंदाजी असोसिएशन का चुनाव हारे थे, अर्जुन को कोई पूछने वाला भी नहीं था. कृष्ण ने पहले भी समझाया था कि खेल असोसिएशन में तो किसी नेता की सिफारिश से भी काम नहीं चलने वाला, क्योंकि खुद सारे नेता इन खेल संस्थाओं के मुखिया हैं.

वैसे कृष्ण पर भी काफी प्रेशर था. मथुरा में जन्माष्टमी के लाइव कवरेज के लिए कई देशी विदेशी चैनल लाइन में थे लेकिन मुख्या प्रबंधक महोदय के भाई के साले के चचेरे भाई के चैनल को ही टेलीकास्ट राइट्स मिलेंगे ऐसी बात मीडिया में लीक हो गयी थी. अब अगर ये राइट्स पिछले बार से भी कम दामों पर गए तो वैष्णो देवी और तिरुपति बालाजी तो देवताओं के अनुअल गेट-टुगेदर में कृष्ण की इज्ज़त का चीरहरण कर देंगे!

ये लोग यही सब माथा पच्ची कर रहे थे कि भीम भी आ गए. चुनाव का सीज़न नहीं था सो उनके अखाड़े के पहलवानों की कोई डिमांड नहीं थी पर खिलाने पिलाने का खर्च तो था ही. कृष्ण ने उनको अर्जुन के दुःख के बारे में बताया तो भीम उल्टा अर्जुन पर ही बरस पड़े "अरे कृष्ण, मैंने भी तो इसको समझाया था. कुश्ती महासंघ और वेट लिफ्टिंग फेडरेशन के चुनावों में मेरे साथ क्या हुआ था, ये देख कर भी इसको अकल नहीं आयी तो कोई क्या करे. अरे ये सब छोड़ो मेरी सुनो. ये आजकल सारी दुनिया को जो अन्ना हजारे का गांधीगिरी का रोग लगा है ना, हम जैसों के पेट पे तो लात पड़ गयी. ना कोई लोन रिकवरी के लिए पहलवान ले रहा है ना घर खाली कराने के लिए. ये मुश्टंडे तो मेरे गले पड़ गए हैं."

तभी 'दुर्योधन भैया अमर रहें' और 'दुर्योधन तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे लगाती ६-८ जीप और २०-२५ मोटर साइकिलों का एक काफिला धूल उड़ाता हुआ निकल गया. अर्जुन बोले 'साला काहे का संघर्ष. दलबदलू की औलाद. पहले मुलायम के आगे पीछे घूमता था, अब मायावती के पीछे.' भीम ने कहा, "यार समझ नहीं आया मायावती ने इसको ले कैसे लिया". कृष्ण बोले "अरे सीधा फंडा है भाई. इसके और इसके भाइयों के परिवार के इतने वोट हैं, इसकी सीट तो पक्की है ही."

इतना कहते हुए वो उठ खड़े हुए और बोले 'अच्छा मैं ज़रा निकलता हूँ. इंडिया टीवी में उनकी वो एलियन और गाय वाली स्टोरी थी ना, उस न्यूज़ पर पैनल डिस्कशन में जाना है." और उन्होंने अपनी स्प्लेंडर स्टार्ट की और निकल गए. 

अर्जुन और भीम दुर्योधन के काफिले की उड़ती हुई धूल देखते रह गए.