मंगलवार, 23 सितंबर 2008

तुम से पूछूँ

'नज़र लगे न' की यह पंक्तियाँ दिल छू गयीं!

तुम से पूछूँ,
ख़ुद से पूछूँ
या दिल के अरमानों से
प्यार के लम्हे
अक्सर ही क्यूँ
आते हैं मेहमानों से

पास घड़ी भर को
रहते हैं
कल फ़िर आएँगे
कहते हैं!

ना पानी ना
ये हवा से
फ़िर जाने क्यूँ
बहते हैं!

('A Wednesday' फ़िल्म से)

गुरुवार, 11 सितंबर 2008

हिन्दी न्यूज़ चैनलों का नया यूज़

आज सुबह अखबारों में पढ़ा कि जेनेवा में बिग बैंग प्रयोग के बारे में इंडिया टीवी की ख़बर से एक १६ वर्षीया इतनी भयाक्रांत हुई कि दुनिया के अंत से पहले उसने अपने जीवन का अंत कर लिया दुखद ख़बर थी, दुःख हुआ

लेकिन अगर डर के आगे जीत है तो दुःख के आगे फायदा है!

आपने मनोज नाईट श्यामलन की 'द हैपनिंग' देखी है? इस फ़िल्म में प्रदूषण से त्रस्त हो कर पेड़ पौधे हवा में ऐसा रसायन छोड़ने लगते हैं कि लोगों में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति जाग उठती है। अब देखिये इंडिया टीवी की खबरों में भी वही खासियत झलकने लगी है। ख़बर देख के लोग आत्महत्या करने लगते हैं। (मेरे घर में तो खैर ये चैनल आता नहीं, वरना ये ब्लॉग लिखने के लिए मैं जिंदा न रहता!)

अब सोचिये तो ये थर्ड डिग्री के लिए कैसा रहेगा? हवलदार चोर से कहेगा "बता कहाँ माल छुपा के रखा है वरना अभी इंडिया टीवी के आगे बिठा दूँगा", चोर झट से माल का पता बता देगा। पत्नी को नया हार चाहिए और पति ने नहीं दिलाया तो उसके घर आते ही इंडिया टीवी लगा देगी और पति को हार कर हार दिलाना ही पड़ेगा!

वैसे थर्ड डिग्री से थोड़ा नीचे सेकंड डिग्री का भी इंतजाम है। स्टार न्यूज़! इंडिया टीवी जितनी क्षमता तो खैर नहीं है इसमे लेकिन सर दर्द या पागलपन के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। मेहमान घर से नहीं टल रहे? सिंपल। टीवी पर स्टार न्यूज़ लगाइए फ़िर देखिये मेहमान भले ही फेविकोल का जोड़ लगा के बैठे हों, कैसे नहीं भागते!

कह नहीं सकता कि इससे पागलपन का इलाज सम्भव है या नहीं, एक प्रयोग यहाँ भी कर के देखा जाए.

ये आईडिया पेटेंट करवाना चाहिए, कल को ग़लत हाथों में पड़ गया तो दुःख ही दुःख रह जाएगा, फायदा किसी और को मिलेगा!

शुक्रवार, 5 सितंबर 2008

बिहार बाढ़ त्रासदी: सहायता कैसे करें?

अब समय बड़ी बड़ी बातें करने का नहीं, बिहार की मदद करने का है, और वो भी जल्दी से जल्दी!

यदि आप बाढ़ पीड़ितों की सहायता करना चाहते हैं पर नहीं जानते कि स्वयं जाकर आप कहाँ और कैसे काम कर सकते हैं या ये नहीं समझ पा रहे कि सामान या धनराशि किसे और कैसे भेजें तो इस लिंक पर क्लिक कीजिये।

यदि आपके पास कोई और विकल्प या अच्छी जानकारी है जो ऊपर दिए गए लिंक से आपको नहीं मिली तो कृपया मुझे ज़रूर बताइये। यदि आप के शहर में ज़रूरी सामान एकत्रित किया जा रहा है बिहार भेजने के लिए तो मुझे ज़रूर बताएँ क्यूंकि कई लोग सामान देना चाहते हैं पर नहीं जानते कि उसे बिहार भेजा कैसे जाए।