एन डी टी वी इंडिया पर एक चर्चा में अगर ज़िक्र नहीं आता तो मुझे तो शायद इस घटना का पता भी नहीं चलता। (मालूम नही कि आपको पता है कि नहीं!) चुनाव आयोग ने कोंग्रेस के इमरान किदवई को एक चुनाव सभा में धार्मिक मुद्दे पर बोलने के लिए नोटिस जारी किया है। किदवई साहब ने इस भाषण में कहा कि अगर वो मुफ्ती होते तो फतवा जारी कर देते कि मुस्लिमों के लिए बी जे पी को वोट देना 'कुफ्र' के बराबर है।
मुझे आश्चर्य है कि इस घटना को मीडिया ने लगभग नज़रंदाज़ कर दिया है। हलाँकि व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि यह भाषण वरुण गाँधी के भाषण के मुकाबले कुछ भी नहीं है और न इसमे किसी अन्य धर्म के विरुद्ध कोई बात कही गयी है और सबसे बड़ी बात किदवई साहब के नाम में 'गांधी' नहीं है! लेकिन कोई भी दलील इस बात को नहीं झुठला सकती कि मीडिया ने इमरान किदवई और कोंग्रेस को लगभग क्लीन चिट दे दी है।
ये बात छोटी लग सकती है लेकिन फ़िर मीडिया हिन्दुओं के विरूद्ध पक्षपात के आरोपों से बच नहीं सकता।
2 टिप्पणियां:
देर से ही सही धीरे-धीरे सारे सच सामने आयेंगे।
विस्तृत विश्लेषण के लिये मेरी आज की पोस्ट पढ़ें…
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