बुधवार, 12 मार्च 2008

कृषि माने क्रिकेट?

(आलोक पुराणिक का बड़ा पंखा (फैन!) हूँ और यह लेख उनको समर्पित!)
जबसे शाहरुख़ खान ५ करोड़ के सपने दिखा के पांचवी क्लास के सवाल पूछने लगे हैं तबसे पांचवी क्लास का रुतबा बहुत बढ़ गया है। स्कूल में बड़ी कक्षाओं के बच्चों से पूछते हैं, क्या तीर मार लिया तुमने पांचवी पास करके।हमें देखो बिना पी आर वालों को पैसे दिए हमारा इतना चर्चा है! मुझे ऐसी ही पांचवी कक्षा में बच्चों को कृषि के बारे में बताना है।
मैं कहता हूँ बच्चों कृषि का इस देश में काफ़ी महत्त्व है और कृषक काफ़ी महत्वपूर्ण व्यक्ति। मैं बच्चों को यह नहीं बता रहा कि इस महत्वपूर्ण व्यक्ति का महत्त्व सिर्फ़ चुनावी वर्ष में ही देश को पता चलता है!
एक बच्चा सवाल पूछ रहा है "सर यह कृषि क्या क्रिकेट का हिन्दी नाम है? क्र से क्रिकेट, क्र से कृषि"। बच्चा अपनी बुद्धिमानी पर काफ़ी खुश हो रहा है। "नहीं नहीं कृषि का क्रिकेट से कुछ लेना देना नहीं है" मैं कहता हूँ। दूसरा बच्चा खड़ा हो गया है "लेना देना कैसे नहीं है सर। जी. के वाले सर ने बताया था कि कृषि मंत्री कोई शरद पवार हैं पर शरद पवार तो क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन हैं तो क्या क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन को हिन्दी में कृषि मंत्री कहते हैं?"
"नहीं नहीं बच्चों ऐसा नहीं है। जो लोग कृषि का काम करते हैं, उनको कृषक कहा जाता है और वो लोग खेत यानी फील्ड्स में फसल उगाते हैं। यह काफ़ी मेहनत का काम है !" मैं समझाने की कोशिश कर रहा हूँ। पर बच्चे सुन ही नहीं रहे हैं।
"क्या बात कर रहे हैं सर! फील्ड में तो क्रिकेट खेली जाती है। धोनी और युवराज दीपिका की फील्डिंग करते हैं। और दोनों ही कामों में काफ़ी मेहनत लगती है !" बाकी बच्चे इस बच्चे की बात पर हंस रहे हैं।
मैं ज़रा नाराज़ होने की एक्टिंग करता हूँ और बच्चे चुप हो जाते हैं। "कृषि मंत्री शरद पवार क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन ज़रूर हैं लेकिन वो कृषि के लिए काफ़ी कुछ करते हैं। सरकार से कृषि के लिए पैसे दिलवाते हैं" मैं बच्चों के मन में शरद पवार की छवि बदलने की कोशिश कर रहा हूँ।
"तो क्या सर वो "कृषक ऑफ़ सीज़न" या "कृषक ऑफ़ मंथ" जैसे अवार्ड्स भी देते हैं? और बेस्ट कृषक को मर्सिडीज़ कार?" एक बच्चा पूछ रहा है। यह बच्चे मेरी बात का सार नहीं समझ रहे!
एक लड़की सवाल पूछ रही है "सर कृषक यानी किसान?" मैं खुश हो गया हूँ, कम से कम किसी को समझ में आयी मेरी बातें! "बिल्कुल सही"। "तो सर जब इतने किसान आत्महत्या कर रहे हैं देश में, तो कृषि मंत्री को क्रिकेट के लिए समय कहाँ से मिल जाता है?"
अब मैं निरुत्तर हो गया हूँ।

5 टिप्‍पणियां:

ALOK PURANIK ने कहा…

जमाये रहिये।
येसे अच्छे बच्चे तो हमरी क्लास में पाये जाते हैं।
और आलोक पुराणिक के फैन ना बनिये। खुद आलोक पुराणिक की आलोक पुराणिक के बारे में राय़ अच्छी नहीं है।

Vaibhav Choudhary ने कहा…

kafi natkhat se baache hai. acha likhe ho abhishek.

Neha ने कहा…

haan...alag hai jaise tumne kaha...nice...

Praveen राठी ने कहा…

यह लेख इससे बेहतर नहीं हो सकता था... बहुत खूब अभिषेक.
- राठी

Waterfox ने कहा…

आलोक जी आपकी सलाह काफ़ी लेट हो गयी! ८ साल से आपकी बकवास पढ़ रहा हूँ और पिछले एक साल से गाहे बगाहे बीबीसी पर भी सुन लेता हूँ।
वैभव, नेहा बहुत सारे थैंक्स :)
राठी साब आप आए बहुत अच्छा लगा!