कभी यूँ भी तो हो!
तारों की महफ़िल हो, कोई न मेरे साथ हो , और तुम आओ। कभी यूँ भी तो हो!
मंगलवार, 28 अप्रैल 2009
उम्मीद
" कल सुबह बहुत अच्छी होगी। कल सुबह सब ठीक हो जाएगा! "
- श्रीमती किरन सिन्धु
ज़रा सी दो लाइनें दिल छू गयीं। शायद इसी लिए कहते हैं कि उम्मीद पर दुनिया है!
(
कनुप्रिया
के
ब्लॉग
से साभार)
बुधवार, 8 अप्रैल 2009
आकर्षक ऑफ़र. मौका मत चूकियेगा
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